BIOS - Basic Input Output System

09 June
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कंप्यूटर के बेसिक संचालन के लिए बनाए गए निर्देशों का संकलन बायोस कहलाता है। बायोस यानि BIOS का पूरा नाम है — Basic Input Output System. BIOS एक फर्मवेयर है जो ROM में संग्रहीत होता है। ये निर्देश कंप्यूटर के संचालन के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। 

बायोस का कार्य :
बायोस का कार्य कंप्यूटर के प्रारंभ होने पर यानि सेल्फ टेस्ट के समय उसको आवश्यक निर्देश देना है। सेल्ट टेस्ट प्रक्रिया के दौरान यह देखा जाता है कि कंप्यूटर में जुड़े सभी पार्ट्स ठीक प्रकार से कार्य रहे हैं अथवा नहीं। यदि सेल्फ टेस्ट में किसी हार्डवेयर में कोई कमी या गड़बड़ी पाई जाती है तो बायोस एक कोड के जरिए यूजर को उस गड़बड़ी के बारे में बताता है। यह कोड न्यूमेरिक न होकर बीप के तौर पर होते हैं जैसे— लगातार बीप देना, एक बार बीप, लगातार दो बार बीप आदि।

यह पोस्ट सिर्फ एक डेमो पोस्ट है जिसमें कुछ कंप्यूटर INFO का संकलन किया गया है। यह पोस्ट इसलिए बनाई गई है ताकि इस ब्लॉग के टेम्पलेट प्रभाव का अवलोकन किया जा सके।

हार्डवेयर चैकिंग के अतिरिक्त बायोस यह भी निर्देश देता है कि कंप्यूूटर को अपने आवश्यक घटक जैसे— हार्डड्राइव, मेमोरी आदि के साथ किस प्रकार से इंट्रैक्ट करना है। 

यदि सभी पार्ट्स प्रॉपर तरीके से कार्य कर रहे होते हैं तो निर्देश कंप्यूटर में लोड होते हैं और सेल्फ टेस्ट प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है। इसके बाद Operating System को लोड करने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। 

Operating System लोडिंग की प्रक्रिया में बायोस सबसे पहले बूट डिवाइस को खोजता है और उसके बाद उन डिवाइस में बूट फाइल की तलाश करता है। जिस डिवाइस में उसे बूट फाइल मिल जाती है, वहीं से बायोस Operating System को बूट करा देता है। Operating System के बूट होते ही बायोस का कार्य समाप्त हो जाता है। इसके बाद का समस्त कार्य संग्रहीत निर्देशों के आधार पर Operating System द्वारा संपादित किया जाता है। 

बायोस की संरचना और उपलब्धता : 
बायोस एक फर्मवेयर है जो नॉन—वोलाटाइल मेमोरी में संग्रहीत होता है। यह कंप्यूटर में ROM मेमोरी में स्टोर किया जाता है, जो एक प्रकार की प्रोग्राम मेमोरी है। वर्तमान समय में बायोस को एक प्रकार से फ्लेश मेमोरी में स्टोर किया जा रहा है ताकि इसको समय—समय पर अपडेट भी किया जा सके। 

बायोस की क्रियाविधि :
बायोस को एक्सेस करने के लिए विशेष कुंजियॉं निर्धारित की जाती हैं। सामान्यत: बायोस इंटरफेस देखने के लिए DEL/DELETE कुंजी का प्रयोग किया जाता है परंतु कुछ कंप्यूटर में यह DEL/DELETE के बजाय F2, F10, F12, ESC कुंजियों से भी दिखाई देता है। बायोस एक्सेस करते समय माउस का प्रयोग नहीं होता, अपितु कीबोर्ड के माध्यम से ही बूट डिवाइस, हार्ड ​ड्राइव, डिफॉल्ट सेटिंग में परिवर्तन किया जाता है। सामान्यत: सेटिंग सहेजने के लिए F10 कुंजी का प्रयोग होता है और समस्त सेटिंग रद्द करने व डिफॉल्ट सेटिंग करने के लिए F9 कुंजी का प्रयोग होता है।

बायोस से जुड़े प्रश्न
यहॉं पर हमने बायोस से जुड़े कुछ प्रश्न दिए हैं जो आपके काम आ सकते हैं। आपसे अपेक्षा है कि आप एक बार इनका अवलोकन अवश्य कर लें ताकि आपको भविष्य में इनसे किसी प्रकार की सहायता मिल सके।

BIOS का पूरा नाम है ?
Basic Input Output System.

BIOS क्या है ?
एक फर्मवेयर है.

BIOS कहां पर संचित होता है ?
रोम डिवाइस में.

BIOS क्या करता है ?
कंप्यूटर के डिवाइस की चैकिंग एवं आॅपरेटिंग सिस्टम की लोडिंग

BIOS द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया को क्या कहा जाता है ?
सेल्फ टेस्ट प्रक्रिया

सेल्फ टेस्ट प्रक्रिया में BIOS क्या करता है ?
कंप्यूूटर से जुड़े हार्डवेयर की चैकिंग.

यदि सेल्फ टेस्ट में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाए तब ...
BIOS बीप के माध्यम से यूजर को संदेश देता है।

सामान्य तौर पर BIOS का इंटरफेस किस कुंजी से आता है ?
DEL/DELETE कुंजी ये

पेन ड्राइव से बूट कराने के लिए क्या करना होगा ?
बायोस इंटरफेस में जाकर बूट डिवाइस को बदलना होगा।

कंप्यूटर के बेसिक संचालन के लिए बनाये गए निर्देश का संकलन क्या कहलाता है ?
BIOS

क्या BIOS के बिना कंप्यूटर चल सकता है ?
नहीं, क्योंकि BIOS के निर्देश पर ही कंप्यूूटर प्रारंभ होता है।

Operating System को बूट कराने के लिए कौन जिम्मेदार है?
बायोस

Operating System कब लोड होता है ?
सेल्फ टेस्ट प्रक्रिया पूर्ण होने पर 
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